मिश्रित-अधिगम के लिए पाठ्य योजना
मिश्रित-अधिगम
के लिए पाठ्य योजना
मिश्रित-अधिगम क्या है?
वर्तमान समय में शिक्षा प्रणाली पर प्रौद्योगिकी का एक सशक्त प्रभाव
देखा जा सकता है । इस तकनीकी युग में छात्रों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शिक्षण
का केवल पारंपरिक तरीका पर्याप्त नहीं है। सूचना और संचार के इस
युग में, काम की प्रकृति और सफलता प्राप्त करने के लिए आवश्यक कौशल आज पहले की
तुलना में बहुत अलग हैं। आज छात्रों को सीखने के संदर्भ में बहुत कम समय में बहुत
अधिक जानकारी की आवश्यकता होती है। अतः शिक्षा
में प्रौद्योगिकी का परिचय समय की आवश्यकता बन गया है।
कोविद -१९ महामारी ने
आश्चर्जनक रूप से शिक्षा के सतत प्रवाह हेतु प्रौद्योगिकी को आवश्यक बना दिया है, शिक्षा अब केवल कागज, कलम, या तथ्यों को याद रखने तक सिमित नहीं है, आज, उच्च शिक्ष, कॉर्पोरेट
शिक्षा और विकास दोनों में नवोन्मेषी शिक्षक प्रौद्योगिकी के माध्यम से सीखने में
सुधार हो रहा है, तथा प्रौद्योगिकी-सहायता प्राप्त शिक्षण विधियों और मिश्रित
शिक्षण मॉडलों का पूरे विश्व में उपयोग
किया जा रहा है ।
मिश्रित शिक्षण (हाइब्रिड लर्निंग के रूप में भी जाना जाता है)
शिक्षण का एक तरीका है जो पारंपरिक प्रशिक्षक के नेतृत्व वाली कक्षा की गतिविधियों
के साथ प्रौद्योगिकी और डिजिटल मीडिया को एकीकृत करता है, जिससे छात्रों को अपने
सीखने के अनुभवों को अनुकूलित करने के लिए अधिक लचीलापन मिलता है।
मिश्रित शिक्षा कोई नई अवधारणा नहीं है, लेकिन आज हमारे पास उपलब्ध
उपकरण नए हैं। शिक्षकों ने हमेशा अधिगम के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए विभिन्न
तरीकों और उपकरणों का उपयोग किया है लेकिन उन्नत तकनीक नई है जिसने शिक्षकों और
शिक्षार्थियों को ऐसे उपकरण दिए हैं जो पहले कभी उपलब्ध नहीं थे।
मिश्रित शिक्षण शब्द एक ऐसी शिक्षा को संदर्भित करता है जिसे वितरण
के विभिन्न तरीकों, शिक्षण के मॉडल और सीखने की शैलियों के प्रभावी संयोजन द्वारा
सुगम बनाया जाता है और उन्हें अंतःक्रियात्मक रूप से सार्थक सीखने के माहौल में
लागू किया जाता है। लाइव ई-लर्निंग, फेस-टू-फेस एलिमेंट्स, सेल्फ-पेस लर्निंग,
कंप्यूटर मध्यस्थता और मोबाइल लर्निंग के साथ-साथ क्लास रूम लर्निंग का उपयोग अधिगम
के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
मिश्रित शिक्षण को आमने-सामने के शिक्षण और ऑनलाइन शिक्षण के मिश्रण
के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। छात्र इंटरनेट तकनीक और अन्य सिंक्रोनस और
एसिंक्रोनस वेब संसाधनों का उपयोग करके न केवल पारंपरिक वातावरण में बल्कि ऑनलाइन
भी सीख सकते हैं। इसमें शिक्षक दोनों के उपयोग और संयोजन को तय करते है, साथ ही
छात्र के अधिगम का कौन सा हिस्सा ऑनलाइन और कक्षा में होगा यह भी निश्चित करते हैं।
उन्नत इंटरनेट प्रौद्योगिकी और अधिगम के लिए समृद्ध वेब-आधारित
उपकरणों की उपलब्धता के फलस्वरूप, ऑनलाइन शिक्षण और पारंपरिक कक्षा शिक्षण के
उपयोग से छात्रों को अधिगम के एक अद्भुत तरीके से समृद्ध किया जा सकता है और कक्षा
को उसकी चार दीवारों से आगे बढ़ाया जा सकता है जो पहले कभी संभव नहीं था।
विभिन्न वेब २.0 तथा वेब ३.० टूल्स, शैक्षिक वेबसाइटों, ई-पुस्तकों, वीडियो, पॉडकास्, वेबकास्ट, वेबिनार,
वेब-सम्मेलन या ई-कार्यशालाओं आदि को अधिगम के उद्देश्योंको प्रभावी ढंग से
प्राप्त करने के लिए पारंपरिक शिक्षण के साथ प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा सकता
है। बशर्ते कि ऑनलाइन संसाधनों का विवेकपूर्ण तथा सुनियोजित उपयोग किया जाए। इस के
लिए आवशयक है की ऑनलाइन तथा पारम्परिक शिक्षण की रूपरेखा एक उपयुक्त पाठयोजना बना कर
की जाये, तथा दोनों माध्यमों के बीच अधिगम को सरल, सफल, तथा सुविधाजनक बनाने की
दिशा में प्रयास किया जाए।
इस के लिए मिश्रित अधिगम के कुछ मुख्य मॉडल्स की चर्चा करना आवशयक है, जिससे शैक्षणिक संस्थान तथा शिक्षक अपनी सुविधा व आवशयकता के अनुरूप अधिगम के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु उचित मॉडल का चयन कर सकें या उसमें आवश्यकतानुसार परिवर्तन करते हुए एक प्रभावी पाठयोजना को तैयार कर सकें जो विद्याथियों के मिश्रित अधिगम को सुगम तथा सरल बना सके।
मिश्रित अधिगम के
कुछ महत्वपूर्ण मॉडल
1) आमने-सामने ड्राइवर
मॉडल
सभी मिश्रित शिक्षण मॉडल में, आमने-सामने ड्राइवर एक विशिष्ट स्कूल
संरचना के सबसे करीब है।
इस मॉडल में शैक्षिक परिणामों की सफलता को बढ़ाने के लिए पारंपरिक
शिक्षण के साथ-साथ प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाता है। पारम्परिक कक्षा शिक्षण इस
मॉडल में शिक्षा का मुख्य तरीका है, लेकिन इसमें प्रौद्योगिकी का उपयोग सीखने की
प्रक्रिया को बढ़ाने के पूरक के रूप में किया जाता है।
इस मॉडल की सहायता से कक्षा में एक संघर्षरत छात्र को ऑनलाइन
उपचारात्मक कार्य द्वारा सहायता प्रदान की जाती है। छात्र इस अतिरिक्त सहायता को
कक्षा के कंप्यूटर, परिसर में कंप्यूटर प्रयोगशाला, या घर के कंप्यूटर के माध्यम
से भी प्राप्त कर सकता है। यह शिक्षण और सीखने में एक अतिरिक्त स्तर के वैयक्तिकरण
के साथ-साथ पारंपरिक कक्षा की अनुभूति भी देता है।
2) फ्लेक्स मॉडल
मिश्रित शिक्षा के फ्लेक्स मॉडल में, छात्रों को शिक्षा मुख्यतः
कंप्यूटर के माध्यम से दी जाती है। छात्र आमतौर पर कक्षा में आते हैं जहां प्रत्येक
छात्र के लिए कंप्यूटर उपलब्ध होता हैं। इसमे किसी पाठ या व्याख्यान शुरू होने का कोई निश्चित समय नहीं होता , छात्र
अपने काम को पूरा करने के लिए आने और जाने के लिए स्वतंत्र होते हैं। कंप्यूटर
उपकरण और कोई भी शैक्षिक सॉफ्टवेयर जो प्रदान किया जा सकता है, छात्रों को अपने
स्वयं के सीखने को निर्देशित करने की अनुमति देता है। तथा प्रत्येक छात्र अपने सीखने की गति व सुविधा के
अनुरूप सीख सकता हैं।
इस मॉडल में, छात्रों के पास पुस्तकालय संसाधनों और शैक्षिक
उपकरणों के साथ-साथ शिक्षण स्टाफ होता है, लेकिन वे औपचारिक व्याख्यान, व्यावहारिक
प्रदर्शनों या पाठों में भाग लेने के लिए बाध्य नहीं होते हैं । वह कंप्यूटर लैब
में या परिवर्तित कक्षा में - छात्रों को आमने-सामने सहायता प्रदान करने और सुझाव
देने के लिए मौजूद रहता है।
मॉडल द्वारा पाठ्यक्रम की अधिकांश शैक्षिक सामग्री ऑनलाइन दी जाती
है। इसमें ऑनलाइन शिक्षण संसाधन शामिल हो सकते हैं, जैसे कि वीडियो प्रस्तुतीकरण,
वृत्तचित्र, ऑनलाइन क्विज़, और यहां तक कि दुनिया में कहीं से भी शैक्षिक कार्यक्रम
स्ट्रीम किए जाते हैं।
3) ऑनलाइन लैब मॉडल
जैसे-जैसे स्कूलों को संसाधनों की अधिक तंगी का सामना करना पड़ रहा
है, मिश्रित शिक्षण का ऑनलाइन लैब मॉडल छात्रों को उन पाठ्यक्रमों को पूरा करने
में मदद करने के लिए एक व्यवहार्य विकल्प है। इस परिदृश्य में, छात्र पूरी तरह से
ऑनलाइन सीखते हैं, लेकिन अपने पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए एक समर्पित कंप्यूटर
लैब की यात्रा करते हैं। वयस्क प्रयोगशाला की देखरेख करते हैं, लेकिन वे
प्रशिक्षित शिक्षक नहीं हैं। यह न केवल स्कूलों को उन पाठ्यक्रमों को प्रस्तुत करने की अनुमति देता है जिनके लिए उनके पास कोई
शिक्षक नहीं है या पर्याप्त शिक्षक नहीं हैं, बल्कि छात्रों को अन्य छात्रों के
सीखने के माहौल को प्रभावित किए बिना एक गति और विषय क्षेत्र में काम करने की
अनुमति भी देता है।
4) रोटेशन मॉडल
रोटेशन मॉडल "छात्रों
को एक निश्चित समय पर स्टेशनों के मध्य रोटेट करने की अनुमति देता है, जहां कम से
कम एक स्टेशन ऑनलाइन लर्निंग का होता है"
इस श्रेणी में कोई भी पाठ्यक्रम या विषय शामिल है जिसमें छात्र
विभिन्न सीखने के साधनों व तौर तरीकों के मध्य एक निश्चित समय पर या शिक्षक के
विवेक के अनुसार रोटेट करता है। अक्सर
छात्र अपने डेस्क पर ऑनलाइन सीखने, छोटे-समूह के निर्देश और पेंसिल-और-पेपर
असाइनमेंट के बीच रोटेट करते हैं। या वे ऑनलाइन सीखने और किसी प्रकार की
संपूर्ण-कक्षा चर्चा या परियोजना के बीच रोटेट कर सकते हैं। रोटेशन का पैटर्न या
समय घड़ी या शिक्षक द्वारा निर्धारित होता
है, और समय के अनुरूप विधार्थी अपनी अगली नियत गतिविधि की ओर बढ़ जाता है।
मॉडल की आंतरिक कार्यप्रणाली शिक्षकों को सीखने के लक्ष्य के लिए
विभिन्न गतिविधियों को संरेखित करने की अनुमति देती है और फिर छात्रों को सक्रिय
रूप से सामग्री में संलग्न होने पर उनकी प्रगति की बारीकी से निगरानी करने के लिए
कक्षा को छोटे समूहों में विभाजित करती है।
रोटेशन मॉडल में चार उप-मॉडल शामिल हैं: स्टेशन रोटेशन, लैब
रोटेशन, फ़्लिप्ड क्लासरूम और व्यक्तिगत रोटेशन।
ए. स्टेशन रोटेशन - इस मॉडल के अन्तर्गत
छात्र एक निहित कक्षा या कक्षाओं के समूह के भीतर रोटेशन का अनुभव करते हैं।
स्टेशन रोटेशन मॉडल व्यक्तिगत रोटेशन मॉडल से अलग है क्योंकि छात्र सभी स्टेशनों
के माध्यम से घूमते हैं, न कि केवल उनके कस्टम शेड्यूल पर।
बी. लैब रोटेशन - इस मॉडल के अन्तर्गत
छात्र ऑनलाइन-लर्निंग स्टेशन के लिए कंप्यूटर लैब में घूमते हैं।
सी. फ़्लिप्ड क्लासरूम - इस मॉडल के अन्तर्गत
छात्र पारंपरिक गृहकार्य के स्थान पर ऑन-साइट ऑनलाइन शिक्षण में भाग लेते हैं और
फिर आमने-सामने, शिक्षक-निर्देशित अभ्यास या परियोजनाओं के लिए स्कूल में भाग लेते
हैं। सामग्री और निर्देश का प्राथमिक वितरण ऑनलाइन होता है, जो फ़्लिप्ड क्लासरूम
को उन छात्रों से अलग करता है जो केवल रात में ऑनलाइन होमवर्क अभ्यास कर रहे हैं।
डी. व्यक्तिगत रोटेशन - इस मॉडल के अन्तर्गत
प्रत्येक छात्र की एक व्यक्तिगत प्लेलिस्ट होती, है और वो आवश्यकतानुसार विभिन्न
स्टेशंस के मध्य रोटेट करता है। एक एल्गोरिथ्म या शिक्षक छात्र के लिए व्यक्तिगत
अधिगम हेतु कार्यक्रम निर्धारित करता है।
इस लेख में हम स्टेशन रोटेशन तथा फ़्लिपड मॉडल के लिए पाठ्य नियोजन
करेंगे।
मिश्रित अधिगम हेतु पाठ
योजना
पाठ योजनाएं एक सफल शिक्षण अनुभव का अनिवार्य घटक हैं। ये योजनाएं
यह सुनिश्चित करने में मदद करती हैं कि सभी मानकों और सामग्रियों को कवर किया गया
है, इस प्रक्रिया की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि शिक्षक को यह पता हो कि
उसे विद्यार्थियों को क्या सिखाने में सहायता करनी है और यह कार्य वह कैसे करेगा
और विद्यार्थियों को यह पता हो कि उन्हें क्या सीखना है और उसे सीखने के लिए
उन्हें क्या करना होगा विद्यार्थियों को किसी विषय वस्तु या कोई पाठ पढ़ाने से
पहले उसके उद्देश्यों को निश्चित करना तथा लक्ष्य की प्राप्ति के लिए यह निश्चित
करना कि किस तत्व को किन विधियों,प्रविधियां,युक्तियों एवं शिक्षण उपकरणों की
सहायता से स्पष्ट किया जाएगा | शिक्षक क्या कार्य करेगा, विद्यार्थी क्या कार्य
करेंगे, शिक्षार्थियों की व्यक्तिगत सहायता किस प्रकार की जाएगी, और पाठ शिक्षा के
प्रभाव का मापन एवं मूल्यांकन कैसे किया जाएगा इन सब का विवरण पाठ योजना कहलाता है
| मिश्रित अधिगम के मॉडलों को ध्यान में रखते हुए, एक प्रभावी पाठ योजना बनाने के
लिए कई प्रकार के प्रारूप उपलब्ध हैं।
संपूर्ण समूह मॉडल के
लिए पाठ योजना
संपूर्ण समूह मॉडल के लिए योजना बनाना पारंपरिक कक्षा के लिए योजना
को बारीकी से दर्शाता है, क्योंकि वे दोनों अपने स्वरूपों में बहुत समान हैं।
संपूर्ण समूह मॉडल के साथ, विचार यह है कि पूरी कक्षा को एक ही समय में और एक ही
स्थान पर व्यक्तिगत रूप से आभासी गतिविधियों में परिवर्तित किया जाए। जैसा कि पारंपरिक
कक्षा में किया जाता है, मिश्रित शिक्षण कक्षा में शिक्षकों को पहले उन सीखने के
उद्देश्यों और कौशल की पहचान करनी चाहिए जिन्हें वे लक्षित करना चाहते हैं और यह
चुनना चाहिए कि कौन सी गतिविधियाँ उन्हें सबसे अच्छी तरह से संबोधित करेंगी।
अंतिम चरण यह निर्धारित करना है कि पाठ में प्रौद्योगिकी को इस तरह
से कैसे एकीकृत किया जाए जिससे छात्र खुद को गति दे सकें । प्रौद्योगिकी एकीकरण को
देखते समय, ऐसे उपकरणों और संसाधनों का चयन करना महत्वपूर्ण है जो सीखने के अनुभव
को समृद्ध करेंगे और साथ ही छात्र के लिए कुछ स्तर के वैयक्तिकरण की पेशकश करेंगे
नीचे एक संपूर्ण समूह निर्देश पाठ की योजना बनाने की एक संक्षिप्त
चरण-दर-चरण प्रक्रिया दी जा रही है:
1. पाठ के लिए लक्ष्य कौशल
और सीखने के उद्देश्यों को निर्धारित करें।
2. विभेदित निर्देश प्रदान
करें।
3. पाठ के लिए कौशल का
अभ्यास करने के लिए गतिविधियों को डिजाइन करें।
4. प्रौद्योगिकी उपकरण और
संसाधनों का चयन करें जो छात्रों के लिए सीखने के अनुभव को समृद्ध और निजीकृत कर सके।
स्टेशन रोटेशन मॉडल के
लिए पाठ योजना
स्टेशन रोटेशन मॉडल के लिए अपने स्टेशनों या गतिविधियों की योजना
बनाने से पहले, शिक्षकों को निम्नलिखित चरण सुनिश्चित कर लेने चाहिए।
1. सीखने के उद्देश्य: यह सुनिश्चित करें कि
पाठ के सीखने के उद्देश्य क्या हैं, और क्या प्रत्येक स्टेशन उन्हें पूरा करता है?
तथा अधिगम के उदेश्यों कि पूर्ति हेतु छात्रों को किस प्रकार कि गतिविधि करने कि
आवश्यकता है।
2. अवधि: प्रत्येक छात्र
प्रत्येक स्टेशन पर कितना समय व्यतीत करेगा? एक स्टेशन के लिए आवश्यक समय क्या
होगा?
3. सामग्री: क्या छात्रों को अपना
स्टेशन पूरा करने के लिए उपकरणों या अन्य तकनीक की आवश्यकता होगी? क्या उन्हें
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, ऐप्स या अन्य कार्यक्रमों तक पहुंचने की आवश्यकता होगी?
4. स्टेशन बदलना: आप कैसे संकेत देंगे
कि यह अगले स्टेशन पर जाने का समय है?
निर्देश: स्टेशन को पूरा करने के लिए समय से पहले क्या निर्देश
देने होंगे? क्या ये लिखित या वीडियो प्रारूप में उपलब्ध कराए जाएंगे?
इनमें से प्रत्येक प्रश्न शिक्षकों को इस बारे में सोचने के लिए
प्रोत्साहित करता है कि ऐसे शिक्षण स्टेशनों को कैसे व्यवस्थित किया जाए जो उनकी
विशिष्ट कक्षा के लिए काम करेंगे।
अपनी पाठ योजनाओं में मिश्रित शिक्षा को प्रस्तुत करना उतना ही सरल
या उतना ही विस्तृत हो सकता है जितना आपको इसकी आवश्यकता है। स्टेशन रोटेशन पाठ की
योजना बनाने का एक सरल तरीका है कि स्टेशनों को शिक्षण केंद्र के रूप में देखा
जाए। ऐसा करने के लिए शिक्षक अपनी पाठ योजनाओं में अपने मिश्रित शिक्षण केंद्रों
या गतिविधियों को स्पष्ट रूप से सूचीबद्ध और वर्गीकृत कर सकते हैं। वह आपके पाठ के
प्रत्येक भाग को आमने-सामने और ऑनलाइन घटकों द्वारा अलग करने का विचार प्रस्तुत कर
सकते हैं। शिक्षक इसे मौजूदा पाठ योजना में एक कॉलम जोड़ने जितना आसान बना सकते
हैं, जो पाठ के मिश्रित—या ऑनलाइन—भाग को समझाने के लिए समर्पित है। जैसा कि नीचे साझा
किए गए टेम्प्लेट में दिखाया गया है।
चित्र सं. 1.0
फ़्लिप मॉडल के लिए पाठ योजना
निम्नलिखित छह चरणों की सहायता से एक प्रभावी फ़्लिपड पाठ्ययोजना
बनाई जा सकती है
1. योजना
सर्वप्रथम यह देखना है की किस पाठ को फ्लिप मोड में पढ़ाना है । जिसके
आधार पर अधिगम के उद्देशय निर्धारित किये जा सके और एक पाठ योजना की रूपरेखा तैयार
की जा सके।
2. इ कंटेंट (वीडियो) बनाएं
जिस पाठ को फ़्लिपड मोड़ में पढ़ाना है उस को व्यक्तिगत रूप से पढ़ाने
के बजाय एक वीडियो बनाएं और सुनिश्चित करें कि इसमें वे सभी प्रमुख तत्व शामिल हैं
जिनका आप कक्षा में उल्लेख करेंगे। वीडियो तब ही बनाये जब यह आवशयक हो और आप के
शैक्षिक लक्ष्य की पूर्ति करने में सहायक हो।
3. वीडियो साझा करें
कंटेंट वीडियो बनाने के बाद उसे
अपने छात्रों को भेजें। इसे आकर्षक और स्पष्ट बनाएं। छात्रों को यह भी बता
दें कि वीडियो के कंटेंट पर क्लास में विस्तृत चर्चा की जाएगी।
4. कक्षा कार्य
वीडियो को देखने के बाद जब छात्र कक्षा में जाएंगे और उस पर आधारित
चर्चा में भाग लेंगे तो वे वास्तव में पहले से कहीं अधिक गहराई से विषय को समझ
पाएंगे।
5. समूह बनाना
विषय पर चर्चा करने के लिए छात्रों को समूहों में बांटा जा सकता है
जो सीखने का एक प्रभावी तरीकाहै, जहां छात्रों को प्रदर्शन करने के लिए एक कार्य
दिया जाता है, जैसे : कविता लिखना, नाटक लिखना, वीडियो बनाना, आदि।
6. पुनर्समूहन
अलग-अलग समूह के काम को सभी के साथ साझा करने के लिए सभी छात्रों
को कक्षा में एक साथ वापस बुलाएँ। सभी से उनके कार्य से सम्बंधित प्रश्न पूछें,
ऐसा करने से अधिगम पहले से कहीं अधिक गहरा होगा।
छह चरणों के बाद, समीक्षा करें, संशोधित करें और निर्धारित चरणों
को दोहराएं।
नीचे दिए गए चित्र संख्या 2.0 अ में फ़्लिपड मॉडल का प्रारूप दिया
गया है
तथा उद्धहरणार्थ एक पाठ योजना चित्र संख्या 2.0 ब में वर्णित है।
निष्कर्ष: उपरोक्त विवरण
से यह स्पष्ट है की आज के डिजिटल युग में मिश्रित अधिगम ही सब से उपयुक्त
शिक्षण विधि हो सकती है, जिस के द्वारा २१ वी सदी के छात्रों की अधिगम तथा विकास
की आवश्यकताओं की आपूर्ति हो सके, इसके लिए मिश्रित अधिगम को एक सुनियोजित तथा
सुगठित रूप से अधिगम हेतु प्रयोग करने के लिए मिश्रित अधिगम के विभिन्न मॉडल्स का
उचित रूप से प्रयोग करते हुए पाठ योजना तैयार करने की आवश्यकता है, जिससे छात्रों
को अधिगम के लिए एक अधिक सुरक्षित, सरल, रोचक, व व्यक्तिगत रूप से भी सीखने का एक
उचित वातावरण मिल सके
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